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Tuesday 19 November 2019

छत्तीसगढ़ी गजल-जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"


छत्तीसगढ़ी गजल-जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"

बहरे रमल मुसद्दस महज़ूफ़
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन


2122 2122 212

खोट धर झन खोद खाई फोकटे।
कर धरम बर झन लड़ाई फोकटे।1

शांति के संदेश देवै सब धरम।
कर न दूसर के बुराई फोकटे।2।

चक्ख ले नमकीन खारो अउ करू।
रोज के मेवा मिठाई फोकटे।3।।।।

बैर इरखा हे जिया मा तोर ता।
भाई भाई के रटाई फोकटे।4।

सत सुमत धरके सदा सत काम कर।
तोर ठग जग के कमाई फोकटे।5।

जीव शिव सबके हे दुर्लभ जिंदगी।
काट झन बनके कसाई फोकटे।6

खैरझिटिया नाप ले गुण ज्ञान ला
खेत घर मन्दिर नपाई फोकटे।7।

जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को(कोरबा)

गजल

 गजल पूस के आसाढ़ सँग गठजोड़ होगे। दुःख के अउ उपरहा दू गोड़ होगे। वोट देके कोन ला जनता जितावैं। झूठ बोले के इहाँ बस होड़ होगे। खात हावँय घूम घुम...