छत्तीसगढी गजल-खैरझिटिया
बहरे हज़ज मुसम्मन अख़रब मक़्फूफ़ मक़्फूफ़ मुख़न्नक सालिम
मफ़ऊल मुफ़ाईलुन मफ़ऊल मुफ़ाईलुन
221 1222 221 1222
जे काम बिगाड़े वो डिहवार बने नोहे।
माखूर चरस मद के बैपार बने नोहे।1
सब काम बने होथे,तन मन रथे जब बढ़िया,
सब जीव जगत बर जर,बोखार बने नोहे।2
चकचक ले उघर जाथे,फोकट के दिखावा सब।
बिन दुःख दरद के आँसू धार बने नोहे।3।
जस नाँव ह भारत के चारों मुड़ा मा बगरै।
जे शान ल बोरे वो सरकार बने नोहे।4।
सब जीव जिनावर ला झन मार कभू खावव।
ना मास बने नोहे ना गार बने नोहे।5।
जादा खुशी ला देवव अउ आस गिरा देवव।
वो जीत बने नोहे ना हार बने नोहे।6।
दुरिहाय अँजोरी हा सब दुःख दरद ला जी।
घर गाँव गली घपटे अँधियार बने नोहे।7
जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को(कोरबा)
बहरे हज़ज मुसम्मन अख़रब मक़्फूफ़ मक़्फूफ़ मुख़न्नक सालिम
मफ़ऊल मुफ़ाईलुन मफ़ऊल मुफ़ाईलुन
221 1222 221 1222
जे काम बिगाड़े वो डिहवार बने नोहे।
माखूर चरस मद के बैपार बने नोहे।1
सब काम बने होथे,तन मन रथे जब बढ़िया,
सब जीव जगत बर जर,बोखार बने नोहे।2
चकचक ले उघर जाथे,फोकट के दिखावा सब।
बिन दुःख दरद के आँसू धार बने नोहे।3।
जस नाँव ह भारत के चारों मुड़ा मा बगरै।
जे शान ल बोरे वो सरकार बने नोहे।4।
सब जीव जिनावर ला झन मार कभू खावव।
ना मास बने नोहे ना गार बने नोहे।5।
जादा खुशी ला देवव अउ आस गिरा देवव।
वो जीत बने नोहे ना हार बने नोहे।6।
दुरिहाय अँजोरी हा सब दुःख दरद ला जी।
घर गाँव गली घपटे अँधियार बने नोहे।7
जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को(कोरबा)
बेहतरीन गुरुदेव
ReplyDeleteसादर साधुवाद
Deleteबहुतेच सुग्घर आपके लेखनी गुरुजी,,,,,
ReplyDeleteनमन
बहुत सुग्घर गजल💐💐💐💐💐💐💐
सादर साधुवाद
Deleteवाह अत्युत्तम ग़ज़ल होये हे गुरुदेव। आप ला बहुत बधाई
ReplyDeleteसादर साधुवाद
Deleteवाहःह भाई
ReplyDeleteछतीसगढ के एक अउ रतन
सादर नमन दीदी
Deleteवाह वाह बहुतेच सुग्घर।हार्दिक बधाई
ReplyDeleteसादर साधुवाद,सादर नमन सर जी
Deleteवाह वाह बहुतेच सुग्घर।हार्दिक बधाई
ReplyDeleteसादर नमन
Deleteबहुत बढ़िया रचना भैया जी
ReplyDeleteसादर साधुवाद दीदी
Deleteउत्तम रचना खैरझिटियाजी
ReplyDelete👏👏👏👏👏👏👏🌹🌹
सादर नमन सर जी
Deleteबहुत बढ़िया गजल गुरुजी
ReplyDeleteबधाई हो
महेन्द्र देवांगन माटी
सादर साधुवाद
Deleteअति सुन्दर गुरुदेव जी
ReplyDeleteसादर साधुवाद
Deleteअति सुग्घर गुरुदेव जी
ReplyDeleteसादर साधुवाद
Deleteगजब सुग्घर सर
ReplyDeleteसादर साधुवाद
Deleteवाह गुरुदेव,बहुत सुग्घर गज़ल👏👏👍👌💐
ReplyDeleteसादर साधुवाद
Deleteबड़ सुग्घर गुरुदेव
ReplyDeleteगजब सुघ्घर गजल। बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteसादर साधुवाद
Deleteप्रिय मित्र जितेंद्र जबर्दास्त रचना । किये है । मजा आ गया
ReplyDeleteधन्यवाद भाई जी
Deleteवाह्ह्ह्ह्ह्ह् शानदार भैया जी
ReplyDeleteसादर साधुवाद,भैया जी
Deleteबड़ सुघ्घर रचना आप मन मे
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