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Sunday 5 January 2020

छत्तीसगढ़ी गजल-जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"


छत्तीसगढ़ी गजल-जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

बहरे हज़ज मुसम्मन अख़रब मक़्फूफ़ मक़्फूफ़ मुख़न्नक सालिम
मफ़ऊल मुफ़ाईलुन मफ़ऊल मुफ़ाईलुन


बहर: 2212 122 2212 122

बूता बने तहूँ हा करबे त काय होही।
गिनहा डहर कहूँ तैं धरबे त बाय होही।1

रोटी ले जेन खेले अउ ऊँचनीच मेले।
फोकट लगाय नारा वो का भुखाय होही।2

तैं मार पीट करबे अपने अपन त मरबे।
खाके कसम मुकरबे तब हाय हाय होही।3

कइसे गुलामी ले हम,आजाद होय हावन।
लड़ मर सिपैहा बेटा जाँगर खपाय होही।4

अँधियार खोर घर मा अउ डर भरे डहर मा।
फैलाय बर उजाला अन्तस् जलाय होही।5

बिरवा ल एक ठन धर फोटू खिचाय कतको।
कइसे हमर बबा मन रुखवा लगाय होही।6

जब कोयली कुहुकही अउ रट लगाही मैना।
तब बाग अउ बगीचा मा फूल छाय होही।7

ये गाँव हे सुहावन,ये ठाँव हे सुहावन।
आके इहाँ मुरारी बँसुरी बजाय होही।8

बूता बड़े बड़े सब टर जाही खैरझिटिया।
जब काम धाम मा सबके एक राय होही।9

जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को(कोरबा)

16 comments:

  1. छत्तीसगढ़ी भाखा मा अतका सुग्घर गजल लिखावत हे गौरव के बात हे।अतिसुग्घर गजल,अनंत बधाई आपमन ला💐💐👏👏

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    1. सधन्यवाद सर जी,सादर नमन

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    2. सधन्यवाद मैडम जी,सादर नमन

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  2. गजब सुग्घर सर

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    1. सधन्यवाद सर जी,सादर नमन

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  3. गजब सुग्घर सर

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    1. सधन्यवाद सर जी,सादर नमन

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  4. बेहतरीन गजल।हार्दिक बधाई

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    1. सधन्यवाद सर जी,सादर नमन

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  5. बहुत सुन्दर हार्दिक बधाई हो

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    1. सधन्यवाद सर जी,सादर नमन

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  6. Replies
    1. सधन्यवाद भैया,सादर नमन

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  7. वाहःह बहुत बढ़िया भाई

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  8. सधन्यवाद दीदी,सादर नमन

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  9. सधन्यवाद दीदी।सादर नमन

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