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Monday 5 October 2020

ग़ज़ल --आशा देशमुख*🌹

 🌹*ग़ज़ल --आशा देशमुख*🌹


*बहरे रजज़ मुरब्बा सालिम*

 

*मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन*

 *2212 2212*


संशोधित


हर चीज के बोली लगे

खतरा म अब डोली लगे।1


जनता सुतत हे चैन से

रखवार ला गोली लगे।2


लिपटे तिरंगा शान से

लाली तिलक होली लगे।3


सुन्ना मया बिन हे महल

सुख धाम दू खोली लगे।4


कतको भरे भंडार हा

खाली तभो झोली लगे।5


अब रस कहाँ हे फाग मा

हुड़दंग के टोली लगे।6


सबले बड़े भगवान ले

दाई के ये ओली लगे।7


आशा देशमुख

एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा

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