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Sunday, 14 June 2020

छत्तीसगढ़ी गजल-जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

छत्तीसगढ़ी गजल-जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

*बहरे मुतदारिक मुसद्दस सालिम*
*फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन*
*212   212   212*

देख मोला तुमन हाँसथौ।
जान भोला तुमन हाँसथौ।1

सुरसा कस ये जमाना नवा।
खागे कोला तुमन हाँसथौ।2

घर के थेभा हरे नेंव हा।
पड़गे पोला तुमन हाँसथौ।3

डर के मारे लुकाये जिया।
कोंच वोला तुमन हाँसथौ।4

गेंव मैं (लेंव का) मँहगा बाजार मा।
देख झोला तुमन हाँसथौ।5

एक पग मा खड़े जिंदगी।
गिरगे गोला तुमन हाँसथौ।6

आसरा मोर बेटी रिहिस।
उठगे डोला तुमन हाँसथौ।7

जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को,कोरबा(छग)

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