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Monday 22 June 2020

गजल- मनीराम साहू मितान

गजल- मनीराम साहू मितान

बहरे मुतदारिक मुसद्दस सालिम
फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
212   212   212

गाँठ सब खोल जप राम ला।
गोठ कर तोल जप राम ला।

मंद नसकान करथे अबड़,
पी के झन डोल जप राम ला।

मान मिलथे रहे दायसी,
मीठ रस घोल जप राम ला।

झन पहा फोकटे कर कुछू,
कर समे मोल जप राम ला।

पोंस तोला करे हें बड़े,
आज झन कोल जप राम ला।

जा कहूँ तैं ह आबे इहें,
जग हवै गोल जप राम ला।

घाम दुख के सुखा नइ सकय
आस गद ओल जप राम ला।

रुख बँचा ले मया के मनी,
पीट के ढोल जप राम ला।

मनीराम साहू मितान

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