Total Pageviews

Monday 22 June 2020

गजल* चोवाराम वर्मा बादल

*गजल* चोवाराम वर्मा बादल

*बहरे मुतदारिक मुसद्दस सालिम*
*फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन*
*212  212  212*

तैं लगा दे दवा घाव मा
हे खुशी सेवा के भाव मा

होंकरे हच अबड़ देख ले
हे जरे जिनगी हा ताव मा

बाँट ले प्रेम ला प्रेम से
दुःख तो मिलथे टकराव मा

 सस्तिहा कतका वो होगे हे
आदमी बिक जथे पाव मा

पार होना हवय चेत कर
टोनका झन रहै नाव मा

छोंड़ अबड़े मनोकामना
शांति आथे दुरिहाव मा

मनखे अच मनखे ला जोर तैं
फट जथे मन ह अलगाव मा

चोवा राम 'बादल'

No comments:

Post a Comment

गजल

 गजल पूस के आसाढ़ सँग गठजोड़ होगे। दुःख के अउ उपरहा दू गोड़ होगे। वोट देके कोन ला जनता जितावैं। झूठ बोले के इहाँ बस होड़ होगे। खात हावँय घूम घुम...