*गजल* चोवाराम वर्मा बादल
*बहरे मुतदारिक मुसद्दस सालिम*
*फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन*
*212 212 212*
तैं लगा दे दवा घाव मा
हे खुशी सेवा के भाव मा
होंकरे हच अबड़ देख ले
हे जरे जिनगी हा ताव मा
बाँट ले प्रेम ला प्रेम से
दुःख तो मिलथे टकराव मा
सस्तिहा कतका वो होगे हे
आदमी बिक जथे पाव मा
पार होना हवय चेत कर
टोनका झन रहै नाव मा
छोंड़ अबड़े मनोकामना
शांति आथे दुरिहाव मा
मनखे अच मनखे ला जोर तैं
फट जथे मन ह अलगाव मा
चोवा राम 'बादल'
*बहरे मुतदारिक मुसद्दस सालिम*
*फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन*
*212 212 212*
तैं लगा दे दवा घाव मा
हे खुशी सेवा के भाव मा
होंकरे हच अबड़ देख ले
हे जरे जिनगी हा ताव मा
बाँट ले प्रेम ला प्रेम से
दुःख तो मिलथे टकराव मा
सस्तिहा कतका वो होगे हे
आदमी बिक जथे पाव मा
पार होना हवय चेत कर
टोनका झन रहै नाव मा
छोंड़ अबड़े मनोकामना
शांति आथे दुरिहाव मा
मनखे अच मनखे ला जोर तैं
फट जथे मन ह अलगाव मा
चोवा राम 'बादल'
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