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Monday, 27 May 2019

छत्तीसगढ़ी गजल - दुर्गाशंकर इजारदार

छत्तीसगढ़ी गजल - दुर्गाशंकर इजारदार

2122 2122 212

आज गुन के तो कहाँ सनमान हे ।
पुछ परख हे जेन तो बलवान हे ।।

बाँध टप टप ला भरे हे मान ले ।
मोर सुक्खा खेत अउ खलिहान हे ।।

जेन उँगली ला धरे हे झूठ के ।
आज मनखे तो उही धनवान हे ।।

खाय बर दाना नहीं जेकर करा ।
पासबुक मा तो भरे ईमान हे ।।

हाथ लाठी जेन रखते हाँक के ।
मान तेकर भैंस होथे जान ले।।

देश के माटी ल चंदन तँय समझ ।
मान अल्ला गा इही भगवान हे ।।

वोट पावत ला कहे तँय देंवता ।
बाद दुर्गा तोर का पूछान हे ।।

गजलकार - दुर्गाशंकर इजारदार

11 comments:

  1. सुग्घर गजल बर दुर्गाशंकर जी ला हार्दिक बधाई।बढ़िया कहन हे।

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  2. वाह्ह्ह वाह्ह्ह सर जी

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  3. वाह्ह्ह वाह्ह्ह सर जी

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  4. वाहहहह!वाहहहह!बहुत खूब

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  5. बहुत बढ़िया ग़ज़ल

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  6. झूठ के रद्दा आज जेन धरे हे उही धनवान बनत हे...सत के आइना दिखावत आपमन के गज़ल अनंत बधाई👍👌💐

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  7. अनुपम सृजन ।हार्दिक बधाई अउ शुभकामना हे भैया ला ।

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  8. देश के माटी ल चन्दन तँय समझ।
    बहुत सुंदर गजल।बधाई हो

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