Total Pageviews

Friday 31 May 2019

छत्तीसगढ़ी गज़ल - सुखदेव सिंह अहिलेश्वर

छत्तीसगढ़ी गज़ल - सुखदेव सिंह अहिलेश्वर

2122 2122 212

का सुनावँव धाक नइहे बात के
आदमी मँय नानकन औकात के।

मँय अभागा दिन म अनचिन्हार हँव
का मदद के आस राखँव रात के।

कान खोले हाथ बाँधे हँव तभो
मोर बर निरदेस घूसा लात के।

झन डरा तँय तीन तल्ला तोर बर
मोर कद बस एक टँठिया भात के।

रोज थक के सो जथौं बिस्तर बिना
तँय समझथस मँय परे हँव मात के।

मँय सृजन सहयोग महिनत जानथौं
नइ समझ हे लूट धोखा घात के।

जर जवै कोनो त कोनो बर जवै
गोठियइया आँव मँय सँउहात के।

प्यार मा तँय मँय तहाँ शादी-बिहाव
का जरूरत नेग अउ बारात के।

आप पढ़थव खुश रथे सुखदेव हा
चाह नइहे वाह के बरसात के।

-सुखदेव सिंह अहिलेश्वर
  गोरखपुर कबीरधाम, छत्तीसगढ़

22 comments:

  1. गजब के गजल लिखे हव अहिलेश्वर जी।हार्दिक बधाई।

    ReplyDelete
    Replies
    1. साधर धन्यवाद गुरुजी

      Delete
  2. वाहःहः भाई सुखदेव
    बहुत सुंदर ग़ज़ल

    बहुत बहुत बधाई

    ReplyDelete
  3. बहुत सुंदर गजल सर

    ReplyDelete
  4. भई वाह! शानदार जानदार वजनदार छत्तीसगढ़ी गजल।बधाई

    ReplyDelete
    Replies
    1. सादर धन्यवाद गुरुजी

      Delete
  5. बहुत शानदार सिरजन

    ReplyDelete
  6. सादर धन्यवाद सर

    ReplyDelete
  7. गोठ सुग्घर नीक लागे आप के
    ज्ञान लेलव सार जम्मों जात के ।

    बड़ सुग्घर गजल गुरुदेव
    बहुत बहुत बधाई ।

    राज कुमार बघेल

    ReplyDelete
  8. सुग्घर ज्ञान देवत आपमध के गज़ल ,अनंत बधाई👍👌💐

    ReplyDelete
  9. बहुत ही बढ़िया बंधु👌💐

    ReplyDelete
  10. लाजवाब संगवारी

    ReplyDelete
  11. वाह वाह वाह बढ़िया गजल सर जी

    ReplyDelete
  12. वाह वाह वाह बढ़िया गजल सर जी

    ReplyDelete
  13. बहुत खूब गजलकारी सर जी।

    ReplyDelete
  14. सुग्घर गजब गजल भैया जी

    ReplyDelete
  15. अतुलनीय गजल आदरणीय ।हार्दिक बधाई ।

    ReplyDelete
  16. उम्दा गजल।बहुत ही बढ़िया भाव सृजन।वाह वाह।

    ReplyDelete

गजल

 गजल पूस के आसाढ़ सँग गठजोड़ होगे। दुःख के अउ उपरहा दू गोड़ होगे। वोट देके कोन ला जनता जितावैं। झूठ बोले के इहाँ बस होड़ होगे। खात हावँय घूम घुम...