मोहन लाल वर्मा: छत्तीसगढ़ी गजल
बहरे खफ़ीफ मुसद्दस मख़बून
फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन
2122 - 1212 -22
पर भरोसा उमर पहावत हे।
शान झूठा अपन दिखावत हे।
नाँव के जेन आय जी बड़का,
खानदानी भले कहावत हे।
राम-रहमान के कहानी ला,
आज लइका हमर भुलावत हे।
मोटरा भर धरे हवय पइसा,
नींद मा फेर बड़बड़ावत हे।
ढेंखरा मा चढ़े करेला हा,
टेटका तीर मुचमुचावत हे।
मूँड़ मा जेकरे हवय पागा,
वो नता मा बड़े गिनावत हे।
नइ बिकय जी दया-मया "मोहन"
पार हाँका खुदे बतावत हे।
-- मोहन लाल वर्मा
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मोहन लाल वर्मा: छत्तीसगढ़ी गजल
बहरे खफ़ीफ मुसद्दस मख़बून
फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन
2122- 1212 - 22
बात छोटे गहिर इशारा हे।
पेड़ ले घात रोंठ डारा हे।।
मानथँव खून के हवय रिश्ता,
पीठ पाछू दताय आरा हे।
देखथे वो सुते- सुते सपना,
चोर घर मा लगाय तारा हे।
चाम होगे कमा-कमा करिया,
खेत गिरवी धरे बिचारा हे।
बाप के नइ सुनँय बहू-बेटा,
आज घर-घर इही नजारा हे।
देश खातिर परान दे देबो ,
ये तिरंगा हमर पिँयारा हे।
तान छाती खड़े हवय "मोहन"
वीरता के बजत नगारा हे।
----- मोहन लाल वर्मा
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बहरे खफ़ीफ मुसद्दस मख़बून
फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन
2122 - 1212 -22
पर भरोसा उमर पहावत हे।
शान झूठा अपन दिखावत हे।
नाँव के जेन आय जी बड़का,
खानदानी भले कहावत हे।
राम-रहमान के कहानी ला,
आज लइका हमर भुलावत हे।
मोटरा भर धरे हवय पइसा,
नींद मा फेर बड़बड़ावत हे।
ढेंखरा मा चढ़े करेला हा,
टेटका तीर मुचमुचावत हे।
मूँड़ मा जेकरे हवय पागा,
वो नता मा बड़े गिनावत हे।
नइ बिकय जी दया-मया "मोहन"
पार हाँका खुदे बतावत हे।
-- मोहन लाल वर्मा
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मोहन लाल वर्मा: छत्तीसगढ़ी गजल
बहरे खफ़ीफ मुसद्दस मख़बून
फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन
2122- 1212 - 22
बात छोटे गहिर इशारा हे।
पेड़ ले घात रोंठ डारा हे।।
मानथँव खून के हवय रिश्ता,
पीठ पाछू दताय आरा हे।
देखथे वो सुते- सुते सपना,
चोर घर मा लगाय तारा हे।
चाम होगे कमा-कमा करिया,
खेत गिरवी धरे बिचारा हे।
बाप के नइ सुनँय बहू-बेटा,
आज घर-घर इही नजारा हे।
देश खातिर परान दे देबो ,
ये तिरंगा हमर पिँयारा हे।
तान छाती खड़े हवय "मोहन"
वीरता के बजत नगारा हे।
----- मोहन लाल वर्मा
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शानदार गजल भैय्या .....बधाई
ReplyDeleteआभार आदरणीय
Deleteवाह्ह्ह्ह्ह् शानदार गजल हे सर जी ....बधाई
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteसादर प्रणाम गुरुदेव । छत्तीसगढ़ी गजल खजाना मा स्थान दे बर अंतस ले आभार गुरुदेव ।नमन।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया सरजीं
Deleteबहुत सुंदर सुन्दर ग़ज़ल हे भाई
ReplyDeleteसुघ्घर लेखनी
बहुत बहुत बधाई हो भाई मोहन
आशा देशमुख
आप सभी के मया आशीष के प्रतिफल आय दीदी ।
Deleteलाजवाब ग़ज़ल हुई है आदरेय... बहुत बधाई
ReplyDeleteसँहराय खातिर हार्दिक आभार चंद्राकर जी ।
Deleteशानदार गुरुदेव
ReplyDeleteआभार आदरणीय
Deleteअब्बड़ सुग्घर गजल गुरुदेव
ReplyDeleteधन्यवाद लहरे जी।
Deleteअंबड़ सुघ्घर गजल हे गुरु जी।
ReplyDeleteआभार आदरणीया
Deleteदूनों गजल अब्बड़ सुघ्घर हे गुरुदेव,बधाई हो
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteबहुत बढ़िया मोहन भाई
ReplyDeleteसाधुवाद भैया जी।
Deleteशानदार बानगी। मोहन लाल जी ला हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteआप सबो के मार्गदर्शन अउ आशीष के सद्परिणाम आय गुरुदेव ।सादर प्रणाम ।
Deleteबढ़िया ग़ज़ल । बधाई
ReplyDeleteआभार आदरणीय
Deleteबड़ सुग्घर गज़ल वर्मा सर बधाई हे
ReplyDeleteधन्यवाद अहिलेश्वर जी
Deleteवाह वाह बड़ सुघ्घर सिरजन आदरणीय गुरुदेव जी सादर बधाई पठोवत हंव।सादर पयलगी 🙏🙏🙏
ReplyDeleteहार्दिक आभार बंधुवर
Deleteसुग्घर संग्रह भाई
ReplyDeleteनित संदेश देना है अपना काम,
जग में लेखन से हो सबका नाम।
👍👌💐
साधुवाद आदरणीया दीदी
DeleteBahut sughar gajal he sir ji........
ReplyDeleteआभार आदरणीय
Deleteबहुत ही अच्छी रचना
ReplyDeleteआभार आदरणीय
Deleteबहुत जोरदार !!!!!!!
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteलाजवाब
ReplyDeleteसादर साधुवाद
Deleteशानदार गजल सर
ReplyDeleteगुरु कृपा ले प्राप्त ज्ञान ला संजोये हँव आदरणीय ।आभार
Deleteबहुत बढ़िया गजल सर जी।बधाई
ReplyDeleteआभार आदरणीय सर जी
Deleteबहुतेच सुग्घर सिरजन भाई जी
ReplyDeleteआभार भैया जी।
Deleteबहुतेच सुघ्घर भइया
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteसुग्घर गजल मोहन भाई
ReplyDeleteआप मन के आशीर्वाद हे।भैया जी ।
Deleteसुग्घर गजल मोहन भाई
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय सर जी
Deleteसुग्घर गजल मोहन भाई
ReplyDeleteआभार भैया जी
Deleteसुग्घर गजल मोहन भाई
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय सर जी
Deleteशानदार गुरुदेव
ReplyDeleteआभार आदरणीय
Deleteबड़ सुग्घर भईया जी
ReplyDeleteसुग्घर गजल बर बधाई
साधुवाद आदरणीय
Deleteसाधुवाद आदरणीय
Deleteसाधुवाद आदरणीय
ReplyDeleteसाधुवाद आदरणीय
ReplyDeleteसुग्घर गजल बधाई भैयाजी
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteदूनो गज़ल मा भावप्रवणता के संगे-संग दुनिया दारी के सच्चाई गुरुजी बहुताक सुग्घर गज़ल आदरणीय बधाई ।
ReplyDeleteआभार आदरणीया ।
DeleteBahut hi sunder Kavita hai guruji
ReplyDeleteगजल आय।आदरणीय ।
Deleteसाधुवाद ।
Bahut hi sunder gajal hai sir
ReplyDeleteआभार आदरणीय
Deleteआभार आदरणीय
Deleteबड़ सुघ्घर गजल..
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीया
Deleteबहुत सुग्घर सिरजन भाई जी ।सादर बधाई
ReplyDeleteआप सबो के आशीष हे ,भैया ।
Deleteबहुत सुंदर सर जी,,,,,
ReplyDeleteधन्यवाद भाई जी ।
Deleteधन्यवाद भाई जी ।
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
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