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Thursday 6 June 2019

छत्तीसगढ़ी गजल - चोवाराम वर्मा

छत्तीसगढ़ी गजल - चोवाराम वर्मा

(1) गोठियाना फोर के

बहर--2122 2122 212

बात ला तैं गोठियाना फोर के।
बोल जी सच ला बने दंदोर के ।

पाँच परगट रेंग रद्दा साफ तँय
मुँह लुकाना काम होथे चोर के।

का  चरे ला छोड़ देही खेत ला  
कोन करही जी भरोसा  ढोर के।

देख हमला फेर कर दिच पाक हा
 मन भरे नइये अभी लतखोर के।

पेड़ ला सब काट के हम सोचथन
कोइली हा गीत गावय  भोर के ।

पाट के नरवा ल अब पछतात हन
मौत आगे  हे कुआँ अउ बोर के।

ले जगा बखरी ल मौका हे मिले
साग ताजा राँध लेबे टोर के।

गजलकार - चोवा राम "बादल"

(2) छत्तीसगढ़ी गजल - चोवाराम वर्मा

काम आही एक दिन परिवार मा

2212 2212 212

खोंट ला धो लव मया के धार मा।
आत्मा ला रंग लव त्योहार मा।

आज होली के परब हावय सुघर
पेड़ एको ठन लगादव पार मा ।

खेत मा अबड़े दवा डारत हवँन
स्वाद चिटको नइये चाउँर दार मा।

जोर ले दू चार पैसा आज ले
काम आही एक दिन परिवार मा।

बात घर के दोब के तैं राख ले
फोकटइहा चाल झन गा चार मा।

रास्ता ला तैं गलत पकड़े हवच
धन लुटावत हच शहर के बार मा ।

खोज झन भगवान ला पगलाय कस
शांत हो जा मिल जही घर द्वार मा ।

गजलकार - चोवाराम वर्मा "बादल"
ग्राम हथबन्द, जिला - भाटापारा
छत्तीसगढ़

8 comments:

  1. गोठियाना फोर के ,अउ काम आही एक दिन परिवार मा दूनो गजल बहुत ही शानदार हे,गुरुदेव बादल जी।
    हार्दिक बधाई ।सादर नमन ।

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  2. वाह वाह दूनो ग़ज़ल एक ले बढ़के एक हे, बहुत बधाई गुरुदेव

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  3. दून्नो गजल उत्कृष्ट शानदार बड़े भइया जी

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  4. गजब सृजन बड़े भैयाश्री।

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  5. बहुते सुघ्घर ग़ज़ल भैया जी

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  6. वाह वाह बेहतरीन गजल परोसे हव सर जी,सादर बधाई अउ पायलागी

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  7. बेहतरीन गजल हे भैया जी।बधाई

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  8. भैयाश्री गजब गजलगिरी।।

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