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Tuesday 4 June 2019

छत्तीसगढ़ी गजल - मोहन लाल वर्मा

छत्तीसगढ़ी गजल - मोहन लाल वर्मा                
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मँय मयारू तोर अँव पहिचान ले ।
मोर हिरदे  के मया ला जान ले ।।

रूप हे चंदा सहीं मन मोहनी,
भेंट माँगे का हवस भगवान ले ?

कर भरोसा मँय दगा देवँव नहीं,
चल कछेरी मा  लिखा ईमान ले ।

मोर पबरित  हे मया संसार मा,
जस निकलथे सोन-हीरा खान ले।

झाँक के तँय देख ले इतिहास मा,
नइ घुँचे हावँव कभू मैदान ले।

भागमानी तोर बेटा आँव मँय,
रोज लहराथँव तिरंगा शान ले।

मोर जिनगी के अँजोरी पाख तँय ,
आज ये "मोहन" कहय ऊँचान ले।

गजलकार - मोहन लाल वर्मा
अल्दा, जिला - रायपुर, छत्तीसगढ़

80 comments:

  1. बहुत खूब गुरुदेव जी

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  2. सादर प्रणाम गुरुदेव ।आपके आशीष के सद्परिणाम आय जेन विधान मा छत्तीसगढ़ी छंद के संग छत्तीसगढ़ी गजल लिख पाय हँव ।

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  3. सुग्घर ग़ज़ल

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  4. बहुत सुंदर ग़ज़ल हे भाई

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  5. बेहतरीन गजल। गजब के भाव। हार्दिक बधाई हे मोहन भाई जी ला।

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  6. वाहहह् गजब सुग्घर गज़ल लिखे हव मोहन सर।बधाई हे

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  7. बहुत बढ़िया गजल
    बहुत बहुत बधाई

    महेन्द्र देवांगन माटी

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  8. बहुत सुंदर भाई।

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  9. बहुत सुन्दर भाई

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  10. बहुते सुघ्घर लिखे हवाच मोहन भाई

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  11. बहुत खूब सराहनी बधाइयां शुभकामनाएँ

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  12. बहुत बेहतरीन गज़ल गुरुदेव हार्दिक बधाइयाँ

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  13. सुग्घर गज़ल बर आपमन ला अनंत बधाई भाई👌👍💐

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  14. अब्बड़ सुग्घर ग़जल गुरुदेव
    गाड़ा गाड़ा बधाई

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  15. बहुत अच्छा है भैया जी

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  16. उत्कृष्ट अद्भुत प्रस्तुति आदरणीय गुरुदेव जी 🙏🙏🙏 सादर पयलगी 🙏🙏

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  17. बहुत ही शानदार गजल सर

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  18. जबरदस्त भाई साहेब

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  19. बहुत बढिया गुरुजी। उत्कृष्ट गजल।

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  20. बहुत खूब। शानदार गजल

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  21. सुन्दर पंक्तियाँ

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  22. बहुते बढ़िया सृजन सर जी।

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  23. सुग्घर भाव परक रचना भैया जी बहुत बढ़िया

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  24. Bahut khoob bhaiya ji ...

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  25. बहुत सुन्दर गजल मोहन भाई

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  26. बहुत सुंदर सृजन गुरुदेव

    राज कुमार बघेल

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  27. Shashibhushan Verma. Mohan sir ji very nice gazal.

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    1. प्रणाम गुरुदेव ।हार्दिक आभार

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  28. सुग्घर रचना भैय्याजी

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  29. Bahut sugghar rachna he padh ke man gadgad ho ge Mohan bhai hamar chhattisgarhi la samman ke sath nava uchai ma pahuchabo ihi shubhkamna aur Badhai

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  30. आप सबो के मया आशीष के प्रतिफल आय आदरणीय ।हार्दिक आभार

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  31. अबड सुन्दर रचना हे भैया अईसनेहे रचना करत रहीबे

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    1. आप सभी के मया आशीष सदा मिलत रहय।

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  32. सुन्दर रचना है भाई

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  33. अबड सुन्दर रचना है भाई
    टाप लाल वर्मा

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  34. का गजब के गजल हे, बधाई भैया जी

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  35. शानदार वजनदार गजल,बधाई हो।

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