Total Pageviews

Tuesday, 4 June 2019

छत्तीसगढ़ी गजल - मोहन लाल वर्मा

छत्तीसगढ़ी गजल - मोहन लाल वर्मा                
              2122 2122 212

मँय मयारू तोर अँव पहिचान ले ।
मोर हिरदे  के मया ला जान ले ।।

रूप हे चंदा सहीं मन मोहनी,
भेंट माँगे का हवस भगवान ले ?

कर भरोसा मँय दगा देवँव नहीं,
चल कछेरी मा  लिखा ईमान ले ।

मोर पबरित  हे मया संसार मा,
जस निकलथे सोन-हीरा खान ले।

झाँक के तँय देख ले इतिहास मा,
नइ घुँचे हावँव कभू मैदान ले।

भागमानी तोर बेटा आँव मँय,
रोज लहराथँव तिरंगा शान ले।

मोर जिनगी के अँजोरी पाख तँय ,
आज ये "मोहन" कहय ऊँचान ले।

गजलकार - मोहन लाल वर्मा
अल्दा, जिला - रायपुर, छत्तीसगढ़

80 comments:

  1. बहुत खूब गुरुदेव जी

    ReplyDelete
  2. सादर प्रणाम गुरुदेव ।आपके आशीष के सद्परिणाम आय जेन विधान मा छत्तीसगढ़ी छंद के संग छत्तीसगढ़ी गजल लिख पाय हँव ।

    ReplyDelete
  3. सुग्घर ग़ज़ल

    ReplyDelete
  4. बहुत सुंदर ग़ज़ल हे भाई

    ReplyDelete
  5. बेहतरीन गजल। गजब के भाव। हार्दिक बधाई हे मोहन भाई जी ला।

    ReplyDelete
  6. वाहहह् गजब सुग्घर गज़ल लिखे हव मोहन सर।बधाई हे

    ReplyDelete
  7. बहुत बढ़िया गजल
    बहुत बहुत बधाई

    महेन्द्र देवांगन माटी

    ReplyDelete
  8. बहुत सुंदर भाई।

    ReplyDelete
  9. बहुत सुन्दर भाई

    ReplyDelete
  10. बहुते सुघ्घर लिखे हवाच मोहन भाई

    ReplyDelete
  11. बहुत खूब सराहनी बधाइयां शुभकामनाएँ

    ReplyDelete
  12. बहुत बेहतरीन गज़ल गुरुदेव हार्दिक बधाइयाँ

    ReplyDelete
  13. सुग्घर गज़ल बर आपमन ला अनंत बधाई भाई👌👍💐

    ReplyDelete
  14. अब्बड़ सुग्घर ग़जल गुरुदेव
    गाड़ा गाड़ा बधाई

    ReplyDelete
  15. बहुत अच्छा है भैया जी

    ReplyDelete
  16. उत्कृष्ट अद्भुत प्रस्तुति आदरणीय गुरुदेव जी 🙏🙏🙏 सादर पयलगी 🙏🙏

    ReplyDelete
  17. बहुत ही शानदार गजल सर

    ReplyDelete
  18. बहुत बढिया गुरुजी। उत्कृष्ट गजल।

    ReplyDelete
  19. बहुत खूब। शानदार गजल

    ReplyDelete
  20. सुन्दर पंक्तियाँ

    ReplyDelete
  21. बहुते बढ़िया सृजन सर जी।

    ReplyDelete
  22. सुग्घर भाव परक रचना भैया जी बहुत बढ़िया

    ReplyDelete
  23. Bahut khoob bhaiya ji ...

    ReplyDelete
  24. बहुत सुन्दर गजल मोहन भाई

    ReplyDelete
  25. बहुत सुंदर सृजन गुरुदेव

    राज कुमार बघेल

    ReplyDelete
  26. Shashibhushan Verma. Mohan sir ji very nice gazal.

    ReplyDelete
    Replies
    1. प्रणाम गुरुदेव ।हार्दिक आभार

      Delete
  27. सुग्घर रचना भैय्याजी

    ReplyDelete
  28. Bahut sugghar rachna he padh ke man gadgad ho ge Mohan bhai hamar chhattisgarhi la samman ke sath nava uchai ma pahuchabo ihi shubhkamna aur Badhai

    ReplyDelete
  29. आप सबो के मया आशीष के प्रतिफल आय आदरणीय ।हार्दिक आभार

    ReplyDelete
  30. अबड सुन्दर रचना हे भैया अईसनेहे रचना करत रहीबे

    ReplyDelete
    Replies
    1. आप सभी के मया आशीष सदा मिलत रहय।

      Delete
  31. सुन्दर रचना है भाई

    ReplyDelete
  32. अबड सुन्दर रचना है भाई
    टाप लाल वर्मा

    ReplyDelete
  33. का गजब के गजल हे, बधाई भैया जी

    ReplyDelete
  34. शानदार वजनदार गजल,बधाई हो।

    ReplyDelete

गजल

 गजल 2122 2122 2122 पूस के आसाढ़ सँग गठजोड़ होगे। दुःख के अउ उपरहा दू गोड़ होगे। वोट देके कोन ला जनता जितावैं। झूठ बोले के इहाँ बस होड़ होगे। खा...