ग़ज़ल---चोवा राम 'बादल'
बहरे मुतकारीब मुसमन सालिम फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन
122 122 122 122
सिखाथे बहुत जिंदगी हा सबो ला
खड़ा करथे चौराहा मा ला सबो ला
धरे माथा जेहा सदा बइठे वोकर
घुना कस पचाथे फिकर खा सबो ला
नँगावत हवैं उन बहाना बनाकें
खजेना धराके खजाना सबो ला
वो पुन्नी के चंदा बुले आज आही
गली चौंरा अँगना सजाना सबो ला
अपन दुख भुलाके जे हा मुस्कुराथे
खुशी बाँट देथे उही भा सबो ला
कहूँ प्यार सच्चा करे तैं हा होबे
लड़ाई जबर लड़ हराना सबो ला
अबड़ लद्दी फदके हवय दुनिया भीतर
बरस कसके 'बादल' बहा ना सबो ला
गजलकार --चोवा राम 'बादल'
हथबन्द
बलौदाबाजार
छत्तीसगढ़
बहरे मुतकारीब मुसमन सालिम फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन
122 122 122 122
सिखाथे बहुत जिंदगी हा सबो ला
खड़ा करथे चौराहा मा ला सबो ला
धरे माथा जेहा सदा बइठे वोकर
घुना कस पचाथे फिकर खा सबो ला
नँगावत हवैं उन बहाना बनाकें
खजेना धराके खजाना सबो ला
वो पुन्नी के चंदा बुले आज आही
गली चौंरा अँगना सजाना सबो ला
अपन दुख भुलाके जे हा मुस्कुराथे
खुशी बाँट देथे उही भा सबो ला
कहूँ प्यार सच्चा करे तैं हा होबे
लड़ाई जबर लड़ हराना सबो ला
अबड़ लद्दी फदके हवय दुनिया भीतर
बरस कसके 'बादल' बहा ना सबो ला
गजलकार --चोवा राम 'बादल'
हथबन्द
बलौदाबाजार
छत्तीसगढ़
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