छत्तीसगढ़ी गजल- चोवा राम 'बादल '
बहरे मुतकारीब मुसमन सालिम
फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन
अरकान-122 122 122 122
सजा काके अइसन मिलत हावे संगी
घटा हा बिपत के दिखत हावे संगी
फटाका न बाजा न तो नाच गाना
सुवासा ह माथा पिटत हावे संगी
सबो काम धंधा ह चौपट ग होगे
असो चीनी गोल्लर चरत हावे संगी
भरे इरखा धुर्रा झँकोरा ह आथे
दिया प्रेम के अब बुझत हावे संगी
महक जाथे अँगना जनम बेटी लेथे
तभो लोग बेटा चुनत हावे संगी
लमा हाथ ला बस दिखावा वो करथे
तभे फासला हा बढ़त हावे संगी
लड़िच देश खातिर अपन जान देके
उहू ला तो मनखे खँड़त हावे संगी
गजलकार--चोवा राम 'बादल'
हथबन्द, बलौदाबाजार-भाटापारा, छत्तीसगढ़
बहरे मुतकारीब मुसमन सालिम
फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन
अरकान-122 122 122 122
सजा काके अइसन मिलत हावे संगी
घटा हा बिपत के दिखत हावे संगी
फटाका न बाजा न तो नाच गाना
सुवासा ह माथा पिटत हावे संगी
सबो काम धंधा ह चौपट ग होगे
असो चीनी गोल्लर चरत हावे संगी
भरे इरखा धुर्रा झँकोरा ह आथे
दिया प्रेम के अब बुझत हावे संगी
महक जाथे अँगना जनम बेटी लेथे
तभो लोग बेटा चुनत हावे संगी
लमा हाथ ला बस दिखावा वो करथे
तभे फासला हा बढ़त हावे संगी
लड़िच देश खातिर अपन जान देके
उहू ला तो मनखे खँड़त हावे संगी
गजलकार--चोवा राम 'बादल'
हथबन्द, बलौदाबाजार-भाटापारा, छत्तीसगढ़
गज़ब सुग्घर गुरुदेव
ReplyDeleteबेहतरीन सृजन है भाई
ReplyDeleteकाहेन के सुग्घर गज़ल गुरुजी।वाहहहह!
ReplyDeleteसुग्घर गजल गुरुदेव🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteवाह वाह गज़ब आदरणीय
ReplyDeleteक्या कहने भैया जी
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
सुघ्घर सर जी
ReplyDeleteवाह वाह
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