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Sunday, 24 May 2020

ग़ज़ल-आशा देशमुख


ग़ज़ल-आशा देशमुख

बहरे मुतकारिब मुसम्मन मक्सूर
फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन1
122  122 122 12

कतिक दिन टिके राज धमकाय ले।
भरे पेट कइसे कसम खाय ले।

ददा दाई के तीर बइठे नही
कते देव आही भजन गाय ले।

कनौजी हे जुच्छा जी हाँसय नशा
चुरे काय आगी जी सिपचाय ले।

कभू टोरहू झन नियम कायदा
सबो नाश होथे गा बउराय ले।

अबड़ मोल होवय मया के नता
पड़े  हे  कई गाँठ दुरिहाय ले।

हवय जेन घेक्खर कुछु नइ सुनय
गला बस पिराही गा चिल्लाय ले।

बुढ़ाथे जभे सच मिले न्याय तब
मिले दुख लबारी ला पतियाय ले।

करू गोठ हे तब बना बात ला
मिलय नइ मया मान कउवाय ले।

सुमत रंग आशा चमक हे अबड़
फबे नइ कपट सोनहा पाय ले।


आशा देशमुख
एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा (छत्तीसगढ़

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