Total Pageviews

Wednesday 6 May 2020

छत्तीसगढ़ी गज़ल-सुखदेव सिंह अहिलेश्वर



छत्तीसगढ़ी गज़ल-सुखदेव

122 122 122 122

भले डगमगाही ग दारू पिये मा
ओ वादा निभाही ग दारू पिये मा

कदरदान के पक्ष मा चेत करके
बटन ला दबाही ग दारू पिये मा

न सब्जी हे घर मा न हे दार चाउँर
ओ आजो भुलाही ग दारू पिये मा

पुड़ी खीर चीला बरा जेवनागे
ओ पाहुन अघाही ग दारू पिये मा

गली ले बिचारा गरू प्रश्न संसद
कहाँ भेजवाही ग दारू पिये मा

अभी बाप ले कइसे बोलै उबक के
ओ बाँटा कराही ग दारू पिये मा

वसा हे न ग्लूकोज प्रोटिन विटामिन
कहाँ देंह आही ग दारू पिये मा

नशा त्याग दे तँय ह'सुखदेव'भइया
ये जिनगी नसाही ग दारू पिये मा

-सुखदेव सिंह'अहिलेश्वर'

No comments:

Post a Comment

गजल

 गजल पूस के आसाढ़ सँग गठजोड़ होगे। दुःख के अउ उपरहा दू गोड़ होगे। वोट देके कोन ला जनता जितावैं। झूठ बोले के इहाँ बस होड़ होगे। खात हावँय घूम घुम...