गजल- अजय अमृतांशु
बहरे मुतदारिक मुसद्दस सालिमफ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
212 212 212
सब ले बढ़िया वो इंसान हे।
दिल मा जेकर गा ईमान हे।
देख भारत के सेना खड़े।
बैरी मन भारी हैरान हे।
जेन लूटत हे मजबूर ला।
सिरतो वोहा हैवान हे।
झन झुकय याद रख बात ला।
ये तिरंगा हमर शान हे।
साँच के संग देना हवय।
झूठ ला छोड़ पहिचान के।
अजय "अमृतांशु"
भाटापारा (छत्तीसगढ़)
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