Total Pageviews

Saturday 6 February 2021

गजल- अजय अमृतांशु

 गजल- अजय अमृतांशु


बहरे मुतदारिक मुसद्दस सालिमफ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन

212 212 212 


सब ले बढ़िया वो इंसान हे। 

दिल मा जेकर गा ईमान हे। 


देख भारत के सेना खड़े।

बैरी मन भारी हैरान हे। 


जेन लूटत हे मजबूर ला। 

सिरतो वोहा  हैवान हे। 


झन झुकय याद रख बात ला। 

ये तिरंगा हमर शान हे। 


साँच के संग देना हवय।

झूठ ला छोड़ पहिचान के।


अजय "अमृतांशु"

भाटापारा (छत्तीसगढ़)

No comments:

Post a Comment

गजल

 गजल पूस के आसाढ़ सँग गठजोड़ होगे। दुःख के अउ उपरहा दू गोड़ होगे। वोट देके कोन ला जनता जितावैं। झूठ बोले के इहाँ बस होड़ होगे। खात हावँय घूम घुम...