छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल-सुखदेव सिंह
बहरे रमल मुसम्मन मशकूल सालिम मज़ाइफ़ [दोगुन]
फ़यलात फ़ाइलातुन फ़यलात फ़ाइलातुन
1121 2122 1121 2122
बना चेहरा ल चन्दा जे सगा चकोर बनगे
तहॉं जानले बिचारा ह मया के ढोर बनगे
ए मया मिलन के किस्सा समे आज ले सुनाथे
कभू लास बनगे नइया कभू सॉंप डोर बनगे
टुरी दिल ल का चोराइस टुरा कामचोर बनगे
इही बात के बहाना एक शेर मोर बनगे
समे संग छोइहा के धरे रूप रस के राजा
ए मरम बताए खातिर हॉं गवाही खोर बनगे
न उला न पोठ सानी सुखदेव शायरी मा
गुरूदेव के असीस ले ये गजल सजोर बनगे
-सुखदेव सिंह''अहिलेश्वर''
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