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Thursday 11 February 2021

छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल-सुखदेव सिंह

 छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल-सुखदेव सिंह


बहरे रमल मुसम्मन मशकूल सालिम मज़ाइफ़ [दोगुन]

फ़यलात फ़ाइलातुन फ़यलात फ़ाइलातुन


 1121 2122 1121 2122


बना चेहरा ल चन्दा जे सगा चकोर बनगे

तहॉं जानले बिचारा ह मया के ढोर बनगे


ए मया मिलन के किस्सा समे आज ले सुनाथे 

कभू लास बनगे नइया कभू सॉंप डोर बनगे


टुरी दिल ल का चोराइस टुरा कामचोर बनगे

इही बात के बहाना एक शेर मोर बनगे


समे संग छोइहा के धरे रूप रस के राजा

ए मरम बताए खातिर हॉं गवाही खोर बनगे


न उला न पोठ सानी सुखदेव शायरी मा

गुरूदेव के असीस ले ये गजल सजोर बनगे


-सुखदेव सिंह''अहिलेश्वर''

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