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Sunday, 29 November 2020

गजल-चोवाराम वर्मा बादल

 गजल-चोवाराम वर्मा बादल


*बहरे रजज़ मुसद्दस सालिम*


*मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन*


*2212 2212 2212*


 सुख दु:ख हे सबके लिखाये भाग मा

देथे परीक्षा सोन गल के आग मा


संगीत हा इंसान बर वरदान हे

होथे उदासी दूर सुनके राग मा


हे खजाना भोग सब्बो रोग के

अउ शांति मिलथे कामना के त्याग मा


काँटा तको हाबय जरूरी लागथे

रक्षा करे बर फूल के जी बाग मा


नाता बड़े होथे सबो ले प्रेम के

केशव अघा जाथे ग भाजी साग मा


हे देश के कानून मा ये खासियत

वो बाँध लेथे एकता के पाग मा


'बादल' रथे मीठा बचन मा रस अबड़

होथे फरक ये कोइली अउ काग मा



चोवा राम 'बादल'

हथबंद,छत्तीसगढ़

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