गजल- इंजी. गजानंद पात्रे "सत्यबोध"
*बहरे रमल मुसद्दस मख़बून मुसककन*
फ़ाइलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन
2122 1122 22
देश के शान तिरंगा भारत
सबके अभिमान तिरंगा भारत।
केसरी त्याग हवे पहिचानी
वीर पहिचान तिरंगा भारत।
श्वेत सुख शांति दिये जनगण ला
बाँह बज्र तान तिरंगा भारत।
देथे संदेश हरा हरियाली
समृद्धि वरदान तिरंगा भारत।
सुन गजानंद गरब सब करथे
जन बसे प्रान तिरंगा भारत।
इंजी. गजानंद पात्रे "सत्यबोध"
बिलासपुर ( छत्तीसगढ़ )
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