Total Pageviews

Friday 6 November 2020

गजल- इंजी. गजानंद पात्रे "सत्यबोध"

 गजल- इंजी. गजानंद पात्रे "सत्यबोध"

*बहरे रमल मुसद्दस मख़बून मुसककन*

फ़ाइलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन

2122  1122  22                 


देश के शान तिरंगा भारत

सबके अभिमान तिरंगा भारत।


केसरी त्याग हवे पहिचानी

वीर पहिचान तिरंगा भारत।


श्वेत सुख शांति दिये जनगण ला

बाँह बज्र तान तिरंगा भारत।


देथे संदेश हरा हरियाली

समृद्धि वरदान तिरंगा भारत।


सुन गजानंद गरब सब करथे

जन बसे प्रान तिरंगा भारत।


इंजी. गजानंद पात्रे "सत्यबोध"

बिलासपुर ( छत्तीसगढ़ )

No comments:

Post a Comment

गजल

 गजल पूस के आसाढ़ सँग गठजोड़ होगे। दुःख के अउ उपरहा दू गोड़ होगे। वोट देके कोन ला जनता जितावैं। झूठ बोले के इहाँ बस होड़ होगे। खात हावँय घूम घुम...