*ग़ज़ल ---आशा देशमुख*
*बहरे रमल मुसद्दस मख़बून मुसककन*
फ़ाइलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन
2122 1122 22
तँय कभू राम कहानी सुन ले
ज्ञान के बात मने मन गुन ले।
एक ठन गीत अमर कर देथे
रख नवा भाव सहज सच धुन ले।2
बाग में फूल खिले हे सुघ्घर
वीर मन के पाँव बिछे चुन ले।3
भीतरी देख कतिक हे गोटी
धर बने ज्ञान के सूपा फुन ले।4
अब मया ताग कँदत हे आशा
धर नवा ऊन बने से बुन ले।
आशा देशमुख
एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा
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