गज़ल- चोवा राम 'बादल '
*बहरे हजज मुसद्दस महजूफ़*
*मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन* *फ़ऊलुन*
1222 1222 122
रुँधाये फरिका अब तुरते हटा दौ
अहम हे बाधा बड़ सब ला बता दौ
बढ़ाके हाथ आगू पाँव राखव
बुझे हे चेहरा मुस्कान ला दौ
करे हावय किसानी जानथे वो
फसल के थोरको कीमत बढ़ा दौ
खदर के छानही फूटे हे कुरिया
कभू बैरी गरीबी ला हरा दौ
हमर हावय समस्या हम निपटबो
लगे हे आगी झन फोकट हवा दौ
हमर पइसा ला गुलछर्रा उड़ाथव
दवाखाना सड़क पुलिया बना दौ
ददा दाई खुशी सिरतो मनाहीं
करे मिहनत जी दू पइसा कमा दौ
चोवा राम 'बादल'
हथबंद, छत्तीसगढ़
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