*ग़ज़ल -चोवा राम 'बादल'*
*बहरे रमल मुरब्बा सालिम*
*फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन*
*2122 2122*
याद आथे गाँव मोला
लीम पीपर छाँव मोला
धाम चारों कस वो दाई
तोर लागे पाँव मोला
देव ठाकुर शीतला के
झन भुलावय नाँव मोला
तोर कोरा मा मिलय बस
मरिया माटी ढाँव मोला
घूम के जग देख डारेंव
दिखथे छल के दाँव मोला
चोवा राम 'बादल'
हथबंद, छत्तीसगढ़
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