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Thursday, 17 December 2020

ग़ज़ल -आशा देशमुख* 🌹

 🌹 *ग़ज़ल -आशा देशमुख* 🌹


*बहरे रमल मुरब्बा सालिम*

*फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन*

*2122 2122*



आज दिल मा शेर उतरे

बात अब्बड़ देर उतरे।1


डार हा भुइयाँ छुवत हे

देख केरा घेर उतरे।2


चल करव जी काम जल्दी

आय संझा बेर उतरे।3


चार भाई एक बहिनी

सोच काकर मेर उतरे।4


अब बनाले अमरसा वो

आय आमा चेर  उतरे।5


नइ मिलत हे सीट बस मा

तेंहा काबर फेर उतरे।6


लान गाड़ा ला समारू

धान के हे पेर उतरे।7


बीज के उपकार अब्बड़

एक बोवव ढेर उतरे।8


जग चढ़े सीढ़ी प्रगति के

हे तभो अंधेर उतरे।9


आशा देशमुख

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