छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल-सुखदेव
बहरे रमल मुरब्बा सालिम
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन
2122 2122
बइठ हरही गाय जोहन
हम चना रखवार नोहन
का मरे मछरी सहीं हम
धार मा पानी के बोहन
धार के बिपरीत चलके
चल मुकुट माथा म सोहन
लोकहितकारी शबद धर
लोक के हिरदे म पोहन
सुख मिले सुखदेव सब ला
शिव जपन के राम मोहन
-सुखदेव सिंह''अहिलेश्वर''
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