🌹 ग़ज़ल -आशा देशमुख🌹
*बहरे रमल मुसमन महज़ूफ़*
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
*2122 2122 2122 212*
भाव ऊँचा राख लव जी शब्द के बाज़ार मा
स्वाद गुण दूनो भरव जी मन भवन भंडार मा।1
बीज मा जब खोट रहिथे खेत के का दोष हे
होय घाटा या मुनाफा कर करम व्यापार मा।2
देख झन सपना मुंगेरी जाग आँखी खोल तँय
घूम ले दुनिया भले सुख शांति हे परिवार मा।3
लेनदारी देनदारी जिंदगी भर आय गा
आ यहू ला आजमा ले सुख मिले उपकार मा।4
नाम जिंखर हे अमर वो काम कइसन हें करे
सच डहर अब्बड़ कठिन पौंरी जरे अंगार मा।5
रोग राही बाढ़गे भटकत हवय मनखे इहाँ
स्वाद संयम के घलो नुस्खा रखव उपचार मा।6
लोभ काँटा मारके तौलत हवय मन लोभिया
सच लबारी ला रखे ईश्वर तराजू भार मा।7
आशा देशमुख
एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा
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