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Saturday, 23 January 2021

ग़ज़ल --आशा देशमुख*

 *ग़ज़ल --आशा देशमुख*


*बहरे हज़ज मुसम्मन अशतर मक़्बूज़, मक़्बूज़, मक़्बूज़*


*फ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन*


*212 1212 1212 1212*


झाड़ फूँक टोटका फँसाय मंत्र जाल मा

जाव रोग के इलाज बर ग अस्पताल मा।


जानले सखा कई रखे चरित्र दोहरा

भेड़िया के हे नियत छिपे हे शेर खाल मा।


गुण बिना बिहाव मा दहेज हे अबड़ सगा

आय चामसुन्दरी परे हे कीरा चाल मा।


नीम होत हे करू तभो समाय गुण अबड़

मीठ गोठ हा तको कपट छुपाय गाल मा।


खुश अबड़ सियान मन दया धरम सिखात हे

पूत देखले इहाँ नजर रखे हे माल मा।



आशा देशमुख

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