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Saturday, 23 January 2021

गजल-दिलीप कुमार वर्मा

 गजल-दिलीप कुमार वर्मा


बहरे हजज़ मुसमन अख़रब मक्फ़ूफ मक्फ़ूफ मक्फ़ूफ महज़ूफ़

मफ़ऊल मुफ़ाईल मुफ़ाईल फ़ऊलुन


221 1221 1221 122


रावण ह बने ज्ञान के भंडार रहिस हे। 

अउ कुम्भकरण भाई ह खूंखार रहिस हे। 


पर एक विभीषण रहे भाई म जे छोटे। 

दोनो ल मरादिस बड़ा हुसियार रहिस हे। 


सीता बिना बनवास मा रावण मरे कइसे।

सीता के हरण मारे के आधार रहिस हे। 


लछिमन चले हे संग म का काम बता दे। 

रावण के टुरा मेघ के हथियार रहिस हे।


हनुमान बिना काम कहाँ हो भला पूरा। 

भगवान वो शिव शक्ति के अवतार रहिस हे। 


रचनाकार- दिलीप कुमार वर्मा 

बलौदाबाजार

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