गजल-दिलीप कुमार वर्मा
बहरे हजज़ मुसमन अख़रब मक्फ़ूफ मक्फ़ूफ मक्फ़ूफ महज़ूफ़
मफ़ऊल मुफ़ाईल मुफ़ाईल फ़ऊलुन
221 1221 1221 122
रावण ह बने ज्ञान के भंडार रहिस हे।
अउ कुम्भकरण भाई ह खूंखार रहिस हे।
पर एक विभीषण रहे भाई म जे छोटे।
दोनो ल मरादिस बड़ा हुसियार रहिस हे।
सीता बिना बनवास मा रावण मरे कइसे।
सीता के हरण मारे के आधार रहिस हे।
लछिमन चले हे संग म का काम बता दे।
रावण के टुरा मेघ के हथियार रहिस हे।
हनुमान बिना काम कहाँ हो भला पूरा।
भगवान वो शिव शक्ति के अवतार रहिस हे।
रचनाकार- दिलीप कुमार वर्मा
बलौदाबाजार
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