*बहरे रजज़ मख़बून मरफ़ू’ मुख़ल्ला*
मुफ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ऊलुन मुफ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ऊलुन
1212 212 122 1212 212 122
कहाँ कहाँ तैं तलासी लेबे, घरे मा हे चोर अब बतातो।
अपन समझ जेला तैं खवाये, बरय उही डोर अब बतातो।1
उमर पुरत हे मनुष मनके, तभो करे लोभ धन रतन के।
बने जुवारी चले दुवारी, खवात हे खोर अब बतातो।2
कुकुर गजब घूम घूम खाँसे, गधा लदाये तभो ले हाँसे।
खुसुर खुसुर जौन खाय बैठे, दिखात हे लोर अब बतातो।3
कहाँ पहुँच मा अकास हावै, लमाय मा हाथ जे छुवावै।
सियार हा बघवा ले लड़े बर, लगात हे जोर अब बतातो।4
रटत रतन धन मरत हरत हस, हकर हकर जिनगी भर करत हस,
मरे मा छूटे सरी कमाई, हरे काय तोर अब बतातो।5
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को, कोरबा(छग)
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