ग़ज़ल- मनीराम साहू मितान
बहरे मज़ारिअ मुसमन अखरब मकफूफ
मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईन फ़ाइलुन
221 2121 1221 212
हो प्रभु सदा सहाय रहैं सब हली भली।
जुरमिल खुशी मनाय रहैं सब हली भली।
आतंक होय नास बचय झन जरी घलो,
हिन्सा मरय सिराय रहैं सब हली भली।
खप जाय व्याभिचार हा बेटी बली बनॅय,
पीरा ला दॅय हराय रहैं सब हली भली।
होवत रहै विकास हा सैनिक रहैं सबल,
बैरी ला थरथराय रहैं सब हली भली।
मनखे मरॅय न भूख गरीबी भगय हटय,
दुख झन कभू सताय रहैं सब हली भली।
झगरा हरय खियाय गा कपटी हृदय सरय
हिलमिल गला लगाय रहैं सब हली भली।
सेवा करय मितान हा माॅ के सदा सदा,
सबले मया बढ़ाय रहैं सब हली भली।
- मनीराम साहू मितान
बहुत बहुत धन्यवाद वर्मा जी
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