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Wednesday 23 September 2020

ग़ज़ल -आशा देशमुख*

 *ग़ज़ल -आशा देशमुख*


*बहरे रमल मुसद्दस सालिम*

*फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन*

*2122   2122  2122*



का सुनंव संगीत में तो ताल नइहे।

ये सिनेमा नाच एको हाल नइहे।1


बैद डॉक्टर मन कहँय खावव विटामिन

खाद के सेती लहू हा लाल नइहे।2


तोर दुख ला कोन सुनही रे मछरिया

लोग कहिथें छल मगर बर जाल नइहे।3


बाप के धन मा तें मारे हस फुटानी

तोर लइका बर इहाँ अब माल नइहे।4


देख दुनिया के इहाँ जंगल सफारी

बेहिचक अब तोर हिरनी चाल नइहे।5


पाँव फिसलत हे गिरत हे हर बखत वो

देख घोड़ा मा लगाए नाल नइहे।6


लोभ के घर मा बने छप्पन सुहारी

तोर थारी देख आशा दाल नइहे।7


आशा देशमुख

एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा

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