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Sunday, 13 September 2020

ग़ज़ल- मनीराम साहू मितान

 ग़ज़ल- मनीराम साहू मितान


बहरे मज़ारिअ मुसमन अखरब मकफूफ

मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईन फ़ाइलुन

221 2121 1221 212


पीरा अबड़ सतात हे कइसे करॅव बता।

अंतस मा घर बनात हे कइसे करॅव बता।


खिरगे गली हा गाॅव के रेंगत बनय नही,

कब्जा सबो जमात हे कइसे करॅव बता।


जम्मो कमात खेत ला अगुवा लिहिस नॅगा,

मिल कम्पनी लगात हे कइसे करॅव बता।


हरहूॅ सबन के पीर मैं देये रहिस बचन,

अब मुॅह अपन लुकात हे कइसे करॅव बता।


कइथॅव टमड़ ले कान ला हो मति गहिर सखा

कउॅवा ला वो कुदात हे कइसे करॅव बता।


पद पा फुले कका हवे फुग्गा असन‌ नॅगत,

अधरे अधर उड़ात हे कइसे करॅव बता।


हरकत रथॅव मितान ला चिटको सुनय नही,

लालच नदी नहात हे कइसे करॅव बता।


- मनीराम साहू मितान

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