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Sunday 13 September 2020

ग़ज़ल -आशा देशमुख*

 *ग़ज़ल -आशा देशमुख*


*बहरे मज़ारिअ मुसमन अखरब  मकफूफ़ मकफूफ़ महजूफ़*

मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईलु फ़ाइलुन

221 2121  1221 212


घर मा नवा बहू बने सुनथे शुरू शुरू।

संस्कार पाँव पैलगी करथे शुरू शुरू।


तन मा कछु लगे नही जुन्नाय रोग मा

मलहम दवा हा पीर ला हरथे शुरू शुरू।


गंजी नही मँजाय हे जुच्छा पड़े हवय।

पानी कुआँ तलाब मा भरथे शुरू शुरू।


दीया जलाय रोज के माचिस सिताय हे

तीली नवा नवा बने जरथे शुरू शुरू।


पंडाल ला सजाय हे होवत हे भागवत

पूजा कथा के बात ला धरथे शुरू शुरू।



आशा देशमुख

एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा

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