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Tuesday 8 September 2020

ग़ज़ल -आशा देशमुख*

*ग़ज़ल -आशा देशमुख*

*बहरे मज़ारिअ मुसमन अखरब  मकफूफ़ मकफूफ़ महजूफ़*
मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईलु फ़ाइलुन
221 2121  1221 212


मनखे उड़े अकास ऊँचाई अलग अलग।
मिहनत धरे दुकान कमाई अलग अलग।

दुनिया हवय बिमार जी रोगी भरे पड़े
डॉक्टर करे इलाज दवाई अलग अलग।

इस्कूल सबो के नींव हे मंजिल यहाँ बने।
शिक्षक वकील बैद के पढ़ाई अलग अलग।

बइठे किताब मन सबो साहित के देहरी
एके कलम दवात लिखाई अलग अलग।

खेती करे किसान हा मौसम ल देख के
बोयें सबो अनाज निंदाई अलग अलग।

जावत हवे जी सूत ह् कपड़ा के फेक्ट्री
कुरता रुमाल पैंट सिलाई अलग अलग।

आगी के संग बैठ के बोलत हे चाशनी
साँचा सुघर बनाय मिठाई अलग अलग।

आशा देशमुख
एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा

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