गजल -मनीराम साहू मितान
बहरे हजज़ मुसम्मन सालिम
मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन
1222 1222 1222
हवय आये सुघर बेरा जगा लव भाग ला संगी।
करव झन आज मन ढेरा जगा लव भाग ला संगी।
रहय बढ़वार डग काँटा तुरत मिल लेस देवव गा,
हटा दव झार मुड़हेरा जगा लव भाग ला संगी।
जगइया पाय सरबस जी सुतइया हा कहाँ पाथे,
बनावय ओत झन डेरा जगा लव भाग ला संगी।
चलव मिलके समे सँग मा सबो झन बाँध कनिहा ला,
रथे सत मा समे फेरा जगा लव भाग ला संगी।
हवयँ आये सबो रीता पसारे हाथ जाना हे,
थमव झन मोर मैं घेरा जगा लव भाग ला संगी।
सुमत के बाँचही भिथिया कुमत के झन परय पानी,
पलानी पान बन पेरा जगा लव भाग ला संगी।
कँपाही हाड़ बइरी के सबो झन के बने झोत्था,
रहव जस झोरफा केरा जगा लव भाग ला संगी।
मनी के सँग चलव सब झन रखव झन झूठ कचरा ला,
चलावव सत्य खरहेरा जगा लव भाग ला संगी।
मनीराम साहू मितान
बहरे हजज़ मुसम्मन सालिम
मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन
1222 1222 1222
हवय आये सुघर बेरा जगा लव भाग ला संगी।
करव झन आज मन ढेरा जगा लव भाग ला संगी।
रहय बढ़वार डग काँटा तुरत मिल लेस देवव गा,
हटा दव झार मुड़हेरा जगा लव भाग ला संगी।
जगइया पाय सरबस जी सुतइया हा कहाँ पाथे,
बनावय ओत झन डेरा जगा लव भाग ला संगी।
चलव मिलके समे सँग मा सबो झन बाँध कनिहा ला,
रथे सत मा समे फेरा जगा लव भाग ला संगी।
हवयँ आये सबो रीता पसारे हाथ जाना हे,
थमव झन मोर मैं घेरा जगा लव भाग ला संगी।
सुमत के बाँचही भिथिया कुमत के झन परय पानी,
पलानी पान बन पेरा जगा लव भाग ला संगी।
कँपाही हाड़ बइरी के सबो झन के बने झोत्था,
रहव जस झोरफा केरा जगा लव भाग ला संगी।
मनी के सँग चलव सब झन रखव झन झूठ कचरा ला,
चलावव सत्य खरहेरा जगा लव भाग ला संगी।
मनीराम साहू मितान
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