ग़ज़ल--आशा देशमुख
बहरे मुतदारिक मुसम्मन सालिम
फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
212 212 212 212
राज कतको छुपाये हवय डायरी
बात मन के लिखाये हवय डायरी।
भ्रष्ट सत्ता कहाँ कारनामा करे
पृष्ठ भीतर दबाये हवय डायरी।
गीत माला गुहे शब्द मोती बने
फूल पत्ता सजाये हवय डायरी।
प्रेम किस्सा कहानी अमर हे सदा
ठौर सब बर बनाये हवय डायरी।
पूछ ले कोन सन मा करे काम हे
वार तिथि दिन बताये हवय डायरी।
आशा देशमुख
एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा
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