🌹 *ग़ज़ल -आशा देशमुख* 🌹
*बहरे रमल मुरब्बा सालिम*
*फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन*
*2122 2122*
दार ला मेलव करी मा।
हे अबड़ मिहनत बरी मा।1
खोटनी भाजी बना ले
डार अम्मट ला जरी मा।2
वो दया के गोठ करथे
फाँसथे मछरी गरी मा।3
मुँह हा सुघ्घर राम बोले
छेदना राखे तरी मा।4
श्याम सुंदरी ला निनासे
जे बने हे खुद खरी मा।5
बोझ मा बचपन लदागे
टाँग के बॉटल नरी मा।6
खोज झन मंदिर देवाला
बार दीया देहरी मा।7
का तुँहर बादाम काजू
स्वाद बड़ हे ठेठरी मा।
पीट झन तँय ढोल आशा
नाचथे जग बंसरी मा।9
आशा देशमुख
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